नई नई मेलजोल नई भक्ति भाव देखिए नई नई बोलठोल नई शक्ति ताव देखिए। नई नई मेलजोल नई भक्ति भाव देखिए नई नई बोलठोल नई शक्ति ताव देखिए।
जब बेटी से हो गयी गलती तब अक्ल ठिकाने आयी थी। जब बेटी से हो गयी गलती तब अक्ल ठिकाने आयी थी।
हाथी दादा ने भी लगायी चिंघाड़, अब नहीं चलेगा शेरनी का राज! हाथी दादा ने भी लगायी चिंघाड़, अब नहीं चलेगा शेरनी का राज!
माँ की याद दिला रहा है माँ की याद दिला रहा है
अब बच्चे भी बड़ों का अदब भूल बैठे हैं, तू इस नये दौर को संस्कार कहता है। अब बच्चे भी बड़ों का अदब भूल बैठे हैं, तू इस नये दौर को संस्कार कहता है।
'जल रही सदभावना की, बेल बरगद पी रहे विष, शेष क्या आधार जिस पर, रात, दिन पलते निरामिष।' एक सुंदर प्रे... 'जल रही सदभावना की, बेल बरगद पी रहे विष, शेष क्या आधार जिस पर, रात, दिन पलते निर...